हंसने की चाह ने कितना मुझे रुलाया है
कोई हमदर्द नहीं दर्द मेरा साया है
दिल तो उलझा ही रहा ज़िन्दगी की बातों में
साँसे चलती हैं कभी कभी रातों में
किसी की आह पे तारों को प्यार आया है
कोई हमदर्द नहीं दर्द मेरा साया है
सपने छलते ही रहे रोज़ नयी राहों से
कोई फिसला है अभी अभी बाहों से किसकी ये आहटें
ये कौन मुस्कराया है
कोई हमदर्द नहीं दर्द मेरा साया है
कोई हमदर्द नहीं दर्द मेरा साया है
दिल तो उलझा ही रहा ज़िन्दगी की बातों में
साँसे चलती हैं कभी कभी रातों में
किसी की आह पे तारों को प्यार आया है
कोई हमदर्द नहीं दर्द मेरा साया है
सपने छलते ही रहे रोज़ नयी राहों से
कोई फिसला है अभी अभी बाहों से किसकी ये आहटें
ये कौन मुस्कराया है
कोई हमदर्द नहीं दर्द मेरा साया है